लाईव्ह अपडेट : शुभवार्ता >> बीकेवार्ता पाठक संख्या एक करोड के नजदिक - दिनदूगीनी रात चौगुनी बढरही पाठकसंख्या बीकेवार्ता की ---- पाठको को लगातार नई जानकारी देनें मेे अग्रेसर रही बीकेवार्ता , इसी नवीनता के लिए पाठको का आध्यात्तिक प्यार बढा ---- सभी का दिलसे धन्यवाद --- देखीयें हमारी नई सेवायें >>> ब्रहमाकुमारीज द्वारा आंतरराष्टीय सेवायें | ब्रहमाकुमारीज वर्गीकत सेवायें |आगामी कार्यक्रम | विश्व और भारत महत्वपूर्ण दिवस | विचारपुष्प |
21 मार्च: विश्व वानिकी दिवस
विश्व वानिकी दिवस 21 मार्च 2013 को मनाया गया. दुनियाभर में वनों को महत्व देने के लिए प्रतिवर्ष 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस मनाया जाता है. इस दिन दक्षिणी गोलार्ध में रात और दिन बराबर होते हैं. यह दिन वनों और वानिकी के महत्त्व और समाज में उनके योगदान के तौर पर मनाया जाता है. रियो में भू-सम्मेलन में वन प्रबंध को मान्यता दी गई थी तथा जलवायु परिवर्तन और पृथ्वी के तापमान में वृद्धि से निपटने के लिए वन क्षेत्र को वर्ष 2007 में 25 प्रतिशत तथा 2012 तक 33 प्रतिशत करने की आवश्यकता पर बल दिया गया था. इसका उद्देश्य वनों के संरक्षण, वन लगाने और उनकी पुनर्रचना करने के बारे में जानकारी देना एवं वनों के महत्त्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है.
विश्व वानिकी दिवस का उद्देश्य वन संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना तथा वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लाभ के लिए सभी तरह के वनों के टिकाऊ प्रबंध, संरक्षण और टिकाऊ विकास को सुदृढ़ बनाना है. इसका लक्ष्य लोगों को यह अवसर उपलब्ध कराना भी है कि वनों का प्रबंध कैसे किया जाए तथा अनेक उद्देश्यों के लिए टिकाऊ रूप से उनका कैसे सदुपयोग किया जाए.
भारत में 19.39 % भूमि पर वनों का विस्तार है और छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे अधिक वन-सम्पदा है उसके बाद क्रमश: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्य में.
भारत सरकार द्वारा वर्ष 1952 में निर्धारित राष्ट्रीय वन नीति के तहत देश के 33.3 % क्षेत्र पर वन होने चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं है. धीरे-धीरे हमारे वन नष्ट होते जा रहें है. वन-भूमि पर उद्योग-धंधो तथा मकानों का निर्माण, वनों को खेती के काम में लाना और लकड़ियों की बढती माँग के कारण वनों की अवैध कटाई आदि वनों के नष्ट होने के प्रमुख कारण है.
हम अपने देश की राष्ट्रीय निधि को बचाए और इनका संरक्षण करें. हमें वृक्षारोपण(पेड़-पौधे लगाना) को बढ़ावा देना चाहिए. इसके सम्बन्ध में पर्यावरणविद डॉ. कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी ने कहा था कि वृक्षों का अर्थ है जल, जल का अर्थ है रोटी और रोटी ही जीवन है.
विदित हो कि पहली बार विश्व वानिकी दिवस 1971 में मनाया गया था. इंडियन स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट के अनुसार कुल 6 लाख 90 हजार 899 किलोमीटर वन क्षेत्र है. भारत में वन महोत्त्सव वर्ष 1950 से प्रतिवर्ष मनाया जा रहा है. इसकी शुरुआत तत्कालीन गृहमंत्री केएम मुंशी ने किया था.